मोदीकेयर हर्बल टी
भारत में चाय बड़े चाव से पी जाती है। वहीं, जीवनशैली में निरंतर हो रहे बदलाव के कारण चाय पीने के तौर-तरीकों में भी बदलाव हुआ है। खासकर, स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने वाले लोगों में विभिन्न प्रकार की चाय का चलन देखा गया है, जिसमें हर्बल टी भी शामिल है। हर्बल टी कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होती है, जो शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकती है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हर्बल टी के फायदे बताने जा रहे हैं।
इस पोस्ट मे हम आज Modicare Herbal Tea Latte के बारे मे जानकारी लेंगे। जोकि Immunity Booster के नाम से भी जाना जाता है। यह पाउडर की form में आता है, जिसका काढ़ा या चाय बना कर पी सकते हैं।
यह कैफीन फ्री है और हमारी चाय के स्वाद को बढ़ाता है। हमारी बॉडी को detoxify करता है। इस प्रोडक्ट में 18 जड़ीबूटियाँ मिलाई गई है। आइए जानते हैं कि वे कौन कौन सी हैं –
हर्बल टी क्या है?
हर्बल टी विभिन्न प्रकार के पौधों की पत्तियों, फूलों, बीजों व जड़ों से तैयार की जाती है। यह आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली चाय (ब्लैक टी, ग्रीन टी व ओलोंग टी) जिसमें कैमेलिया साइनेंसिस (Camellia sinensis) की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है, उनसे अलग होती है। ये उन हर्बल सामग्रियों से तैयार की जाती है, जिनमें आम चाय पत्ती का इस्तेमाल यानी कैमेलिया साइनेंसिस का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ये कई प्रकार की होती हैं और इन्हें विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में इस्तेमाल किया जाता है। कैमोमाइल टी, जिंजर टी, जिनसेंग टी, पिपरमिंट टी व सिनेमन टी कुछ आम हर्बल टी के नाम हैं
हर्बल टी पीने के फायदे
हर्बल टी अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल अक्सर लोग कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए करते हैं। नीचे क्रमवार जानिए कौन-कौन सी शारीरिक समस्याओं में हर्बल टी लाभकारी हो सकती है। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि यह किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि इसका उपयोग शारीरिक समस्याओं से बचाव और उनके प्रभाव को कम करने के लिए किया जा सकता है।
1. अनिद्रा में सहायक
नींद न आने की समस्या यानी अनिद्रा से बचाव और इसके प्रभाव को कम करने में हर्बल टी लाभकारी हो सकती है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि कैमोमाइल टी का उपयोग अनिद्रा में लाभकारी हो सकता है
वहीं, एक अन्य शोध में जानकारी मिलती है कि पिपरमिंट टी का सेवन तनाव को कम कर नींद को बढ़ावा देने में मददगार हो सकता है। इस आधार पर हम हर्बल टी को अनिद्रा में लाभकारी मान सकते हैं।
2. मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए
मस्तिष्क स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए भी हर्बल टी लाभकारी सिद्ध हो सकती है। दरअसल, विषय से जुड़े एक शोध में जानकारी मिलती है कि हर्बल टी न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव प्रदर्शित कर सकती है। बता दें कि न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव तंत्रिका संबंधी समस्याओं से बचाव में कारगर हो सकता है। इसमें पार्किंसंस जैसी बीमारी भी शामिल है, जिसमें मस्तिष्क में मौजूद नर्व सेल्स डोपामाइन नामक ब्रेन केमिकल का उत्पादन आवश्यकतानुसार नहीं कर पाते हैं।
इससे व्यक्ति का शारीरिक संतुलन प्रभावित होता है और उसे चलने-फिरने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं, एक अन्य शोध में जिक्र मिलता है कि अदरक की जड़ का अर्क अल्जाइमर की समस्या (उम्र के साथ भूलने की बीमारी) से बचाव का काम कर सकता है। ऐसे में हम मान सकते हैं कि हर्बल टी का सेवन मस्तिष्क स्वास्थ्य को बरकरार रखने में सहयोगी साबित हो सकता है।
3. इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार
स्वस्थ रहने के लिए किसी के भी शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली का मजबूत होना बहुत जरूरी है, क्योंकि मजबूत इम्यूनिटी रोगों से लड़ने में मदद करती है। यहां हर्बल टी के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई की एक वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि कैमोमाइल चाय का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहयोग कर सकता है और साथ ही सर्दी-जुकाम से जुड़े संक्रमण से बचाव में मदद कर सकता है। इस आधार पर हम इम्यूनिटी के लिए हर्बल टी को लाभकारी मान सकते हैं।
4. सांसों की बदबू दूर करने के लिए
मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए भी हर्बल टी लाभकारी हो सकती है। इसके लिए पिपरमिंट की चाय का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि पिपरमिंट में मुंह की दुर्गंध को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं। ऐसे में हम कह सकते हैं कि पिपरमिंट की चाय सांसों की बदबू को दूर कर एक रिफ्रेशिंग एहसास देने में मदद कर सकती है।
5. पुराने रोगों में गुणकारी
क्रॉनिक यानी लंबे समय से चले आ रहे रोगों में भी हर्बल टी का सेवन कुछ हद तक लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, विषय से जुड़े एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि अदरक का उपयोग कई क्रॉनिक बीमारियों में लाभकारी हो सकता है, खासकर उच्च रक्तचाप और कोरोनरी हार्ट डिजीज में। इस आधार पर हम मान सकते हैं कि हर्बल टी के रूप में अदरक की चाय पुराने रोगों में गुणकारी साबित हो सकती है। हालांकि, यह कितनी प्रभावकारी होगी, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
6. दर्द में दे राहत
शरीर से जुड़े दर्द से राहत पाने में भी हर्बल टी लाभकारी साबित हो सकती है। यहां कैमोमाइल और पिपरमिंट से बनी हर्बल टी के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित दो अध्ययनों में पिपरमिंट के एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) और कैमोमाइल के पेनकिलर (दर्द निवारक) प्रभाव को जिक्र मिलता है, दो दर्द को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं
7. वजन नियंत्रण के लिए
वजन पर काबू रखने में हर्बल टी कारगर साबित हो सकती हैं। यही वजह है की कई लोग वजन को नियंत्रित रखने के लिए और मोटापे से बचाव के लिए हर्बल टी पीना पसंद करते हैं। दरअसल, एक शोध में वजन नियंत्रण में कारगर उन सामग्रियों का जिक्र किया गया है, जिनका इस्तेमाल कर हर्बल टी बनाई जाती है। इनमें अदरक, दालचीनी, नींबू, जिनसेंग व लौंग शामिल हैं। ऐसे में हम कह सकते हैं कि हर्बल टी का सेवन मोटापे से बचाव में मददगार साबित हो सकता है।
8. पाचन-तंत्र सुधारे
पाचन तंत्र में सुधार करने में भी हर्बल टी के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, एक वैज्ञानिक अध्ययन में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि कैमोमाइल में पाचन तंत्र को आराम देने वाला प्रभाव (digestive relaxant) पाया जाता है। इसके अलावा, यह पाचन को सुधारने के साथ-साथ दस्त, मतली, उल्टी व गैस आदि में भी राहत देने का काम कर सकती है। इसके अलावा, अदरक भी कब्ज, अल्सर और पाचन में सुधार करके पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार हो सकता है
9. गले के संक्रमण में लाभकारी
गले के संक्रमण में भी हर्बल टी लाभकारी साबित हो सकती है। दरअसल, एक शोध में जिक्र मिलता है कि हर्बल टी का सेवन एक्यूट फैरिन्जाइटिस (गले से जुड़ा एक संक्रमण, जिसमें दर्द व जलन के साथ निगलने में दिक्कत हो सकती है) की स्थिति में दर्द को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, कुछ मामलों में इसके होने का एक कारण बैक्टीरिया भी हो सकता है।
ऐसे में, कैमोमाइल चाय का सेवन लाभकारी हो सकता है, क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल प्रभाव पाया जाता है, जो बैक्टीरिया की वजह से होने वाली फैरिन्जाइटिस की समस्या से बचाव कर सकता है। वहीं, अदरक में भी एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव पाया जाता है, जो बैक्टीरिया के प्रभाव को कम फैरिन्जाइटिस के जोखिम को कम कर सकता है। ऐसे में हम, कह सकते हैं कि गले के संक्रमण में भी हर्बल टी लाभकारी हो सकती है।
10. चिंता को दूर करने में लाभकारी
चिंता को दूर करने में भी हर्बल टी लाभकारी साबित हो सकती है। इसके लिए लैवेंडर हर्बल टी का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि लैवेंडर हर्बल टी का सेवन न सिर्फ चिंता, बल्कि अवसाद की स्थिति में फायदेमंद साबित हो सकता है। साथ ही इस शोध में चिंता और अवसाद के लिए लैवेंडर हर्बल टी को एक वैकल्पिक उपचार भी माना गया है।
11. रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए
रक्तचाप को नियंत्रित रखने में हर्बल टी के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, कैमोमाइल से जुड़े एक वैज्ञानिक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि कैमोमाइल में रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, अदरक भी उच्च रक्तचाप की स्थिति में लाभकारी हो सकता है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि अदरक और कैमोमाइल से बनी हर्बल टी रक्तचाप को नियंत्रित करने में फायदेमंद साबित हो सकती है।
12. त्वचा के लिए
त्वचा के लिए हर्बल टी का उपयोग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि कैमोमाइल में त्वचा को आराम देने वाला गुण पाया जाता है। इसके अलावा, यह त्वचा की जलन और एक्जिमा (सूजन से जुड़ी त्वचा समस्या) जैसी त्वचा समस्या में भी लाभकारी हो सकती है। वहीं, इसमें एंटीइंफ्लामेटरी प्रभाव भी पाया जाता है, जो त्वचा से जुड़ी सूजन को कम करने में कुछ हद तक लाभकारी हो सकता है।
वहीं, इसे हीलिंग दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रभाव घाव को भरने में मदद कर सकता है। हालांकि, शोध में ज्यादातर इसके टॉपिकल यूज के बारे में जिक्र मिलता है। इसका पीना त्वचा पर कितना प्रभावकारी हो सकता है, फिलहाल इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
हर्बल टी लैटे में जो सामग्री मिलाई गई हैं वे इस प्रकार हैं –
अदरक, इलायची, काली मिर्च, लौंग, पिप्पली, दालचीनी, जायफल, तेजपत्ता आदि
अदरक :
अदरक का इस्तेमाल हमेशा से आयुर्वेद मे होता आया है व इसे हम रोज इस्तेमाल मे भी लाते हैं। अदरक हमारी पेट से जुड़ी समस्याओं, सर्दी जुखाम व किसी भी तरह के inflammation मे बहुत फ़ायदेमंद है।
हरी एलायची :
एलायची के बहुत से फ़ायदे आयुर्वेद मे बताए गये हैं। एलायची का प्रयोग mood swing में, हृदय को स्वस्थ रखने आदि के लिए किया जाता है। यह anti – inflammatory होती है।
काली मिर्च :
काली मिर्च का piperine कैंसर की रोकथाम में, पाचन को ठीक रखने में, सर्दी और खांसी से राहत दिलाने में,वजन घटाने में, रक्त शर्करा नियंत्रण में, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में, कैंसर से लड़ने में व Free radicals से बचाव करने में मदद करता है।
लौंग :
कम सूजन कम करता है, फ्री रेडिकल्स से लड़ता है, लिवर फंक्शन को बेहतर करता है, मधुमेह को नियंत्रित करता है, हड्डियों और जोड़ों के लिए अच्छा है, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है, शरीर के दर्द और सूजन को कम करता है, कैंसर को रोकता है, रक्त के circulation को बढ़ाता है व इम्यूनिटी को बढ़ाता है। जिस कारण से हम अनेक बीमारियों से बच सकते हैं।
दालचीनी :
दालचीनी वजन घटाने के लिए बहुत उपयोगी है। हृदय को स्वस्थ रखता है, ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, सूजन को कम करता है।
पिप्पली :
बॅकटीरियल इन्फेक्शन को रोकता है व ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
जायफल :
जायफल में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट व जीवाणुरोधी गुण होते हैं, हृदय लाभ पहुंचाता है। मूड को बढ़ा सकता है, बहुमुखी और स्वादिष्ट है।
तेजपत्ता :
तेजपत्ता में विटामिन A, B6, C प्रचुर मात्र में होता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को ठीक रखता है। तेजपत्ते की चाय साइनस में बहुत राहत देती है व पेट को स्वस्थ रखती है।
Holy Basil :
पवित्र तुलसी आपके शरीर के स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करती है। यह संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती है, आपके रक्त शर्करा को कम कर सकती है, आपके कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकती है, जोड़ों के दर्द को कम कर सकती है और आपके पेट की रक्षा कर सकती है।
बड़ी एलायची :
बड़ी एलायची हमारी स्किन के लिए, बालों के लिए, हृदय व पेट के लिए तथा हमारी इम्यूनिटी के लिए बहुत फ़ायदेमंद है। इसका इस्तेमाल दर्द में भी किया जाता है।
गुलाब की पंखुड़ी : हमारे शरीर को तरोताजा रखती हैं। तनाव व चिंता को दूर करती हैं।
कमल की पंखुड़ी :
यह भी हमारे शरीर को तरोताजा रखती हैं। तनाव व चिंता को दूर करती हैं तथा इसमें antioxidant व antibacterial गुण होते हैं ।
सौंफ :
पाचन को ठीक रखती है, ब्लड प्रेशर व अस्थमा में बहुत फ़ायदेमंद है, आँखों की रोशनी के लिए, वजन घटाने के लिए , कैंसर के मरीजों के लिए बहुत असरदार है। गैस से होने वाली परेशानिओं को दूर करती है।
तगर : यह चिंता को दूर करती है व अनिद्रा में बहुत लाभदायक है।
अगर :
अगर में फ़ाइबर बहुत आधुक मात्रा में होता है जिसकी वजह से यह पेट से जुड़ी समस्याओं में असरदार है।
सफेद चंदन :
यह कफ़, जुखाम व बुखार से रखा करता है। गले मुँह व खराश से जुड़ी परेशानिओं में बहुत फायदेमंद है।
केसर :
केसर का इस्तेमाल डिप्रेशन में, कैंसर से लड़ने में, वजन घट आने में, याददाश्त को बढ़ाने में, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने आदि में किया जाता है।
सलम मिश्री :
सलम मिश्री पाउडर पेचिश, दस्त, पुराने बुखार, खांसी और पेट दर्द जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। घाव, कट, जलन, फ्रैक्चर और सामान्य कमजोरी के उपचार में मदद करता है और दिल की परेशानियों में मदद कर सकता है व आंतों के कीड़ों के इलाज में भी मदद करता है।
कैसे प्रयोग करें :
Herbal Tea Latte का ½ चम्मच उबलती हुई चाय में डालें व कुछ देर में छान लें। आप इसे दूध में मिलाकर या केवल पानी में मिलाकर काढ़ा बना कर भी ले सकते हैं और अपनी इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं।
हर्बल टी पीने के नुकसान
हर्बल टी के फायदे कई हैं, लेकिन इसका सेवन कुछ मामलों में हर्बल टी के नुकसान का कारण बन सकता है। दरअसल, एक शोध में अदरक, दालचीनी, नींबू, लौंग, जिनसेंग व सिंहपर्णी सहित कई अन्य सामग्रियों के मिश्रण के ओरल साइड इफेक्ट्स का जिक्र मिलता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
पेट दर्द की समस्या
मतली
उल्टी की समस्या
सिरदर्द की समस्या
दस्त की समस्या
वहीं, कैमोमाइल चाय के भी कुछ दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं :
कुछ व्यक्तियों में इसका सेवन एलर्जी का कारण बन सकता है।
गर्भवती महिलाएं इसका सेवन न करें, क्योंकि इसका सेवन गर्भाशय के संकुचन (uterine contraction) को उत्तेजित कर सकता है।
जो लोग रक्त को पतला करने की दवा ले रहे हैं, वो भी कैमोमाइल चाय का सेवन न करें, क्योंकि इसमें रक्त को पतला करने वाला प्रभाव पाया जाता है, जो रक्त को जरूरत से ज्यादा पतला कर सकता है।
उपरोक्त जानकारी से समझा जा सकता है कि हर्बल टी पीने से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हासिल किए जा सकते हैं। लेकिन, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें, क्योंकि इसकी अधिक मात्रा बताए गए हर्बल टी के नुकसान का कारण बन सकती है। वहीं, अगर कोई किसी शारीरिक समस्या से पीड़ित है, तो वो डॉक्टरी सलाह पर ही इसे उपयोग में लाए। इसके अलावा, अगर किसी को हर्बल टी में उपयोग होने वाली किसी सामग्री से एलर्जी है, तो वो उसकी जगह किसी सुरक्षित हर्बल सामग्री का उपयोग कर सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको सेहतमंद रखने में मददगार साबित होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
क्या मैं रात में हर्बल टी पी सकता हूं?
सुबह और शाम के वक्त आप इसका सेवन कर सकते हैं। वहीं, रात में इसका सेवन करना चाहते हैं, तो एक बार डॉक्टरी सलाह ले लें।
क्या रोजाना हर्बल टी पीना सही है?
हां, सीमित मात्रा में इसका सेवन रोजाना किया जा सकता है।
क्या हर्बल टी वजन घटाने में मददगार है?
हां, हर्बल टी वजन को नियंत्रित रखने में मददगार हो सकती है। इससे जुड़ी विस्तारपूर्वक जानकारी हमने ऊपर लेख में दी है।