आयुर्वेद में गिलोय को अमृत बेल भी कहा जाता है। कारण है, न तो यह खुद मरती है और न ही सेवन करने वाले को कोई रोग होने देती है। गिलोय का सेवन किसी भी उम्र के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। यह चमत्कारिक जूड़ी-बूटी दस्त जैसे सामान्य से लेकर डेंगू व कैंसर जैसे प्राण घातक रोगों में भी बहुत लाभदायक है। यह भारत में 1 हजार फीट की ऊंचाई तक सर्वत्र पाई जाती है।
क्या आप इम्युनिटी हासिल करना चाहते हैं लेकिन सिर्फ नेचुरल इम्युनिटी बूस्टर से? खैर, गिलोय टैबलेट विकल्प हैं। गिलोय भारत में सबसे वांछित जन्मजात प्रतिरक्षा बूस्टर है। और जरूरतों को पूरा करने के लिए मोदीकेयर ने प्राकृतिक अर्क से बनी गिलोय की गोलियां पेश की हैं।
गिलोय क्या हैं?
गिलोय मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला पौधा है। घरों में लोग इसकी भाप का इस्तेमाल काड़ा बनाने में करते हैं। परंपरागत रूप से, गिलोय को प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, रक्त को शुद्ध करने, श्वसन समस्याओं को ठीक करने और किसी व्यक्ति की त्वचा के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए जाना जाता है। यह पुराने बुखार और संक्रमण को ठीक करने में भी बहुत महत्वपूर्ण है।
आम तौर पर, गिलोय की भाप का रस निकालने के लिए उपयोग किया जाता है, और फिर इसे कई अन्य घटकों के साथ मिलाकर एक इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक बनाया जाता है। हालांकि, पेय कड़वा होता है, और हर कोई इसे नहीं पी सकता। यही वजह है कि लोग इसकी जगह वेल गिलोय टैबलेट खरीदते हैं। इसमें समान प्राकृतिक अवयव होते हैं लेकिन संकुचित और टैबलेट के रूप में होते हैं।
गिलोय टैबलेट्स के बारे में ऐसी जानकारी मिलेगी जो आपको शायद ही मालूम हो। यह एक बेहतरीन आयुर्वेदिक प्रोडक्ट है जो शरीर स्वास्थ के लिए अच्छा है।
गिलोय के अलग अलग नाम से भी जाना जाता है जैसे अमृता, गुलुची वेल, रसायनी।
वेल गिलोय टैबलेट्स
गिलोय की गोलियां आयुर्वेदिक हैं और केवल प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करती हैं। प्रत्येक 550mg टैबलेट में जलीय अवस्था में गिलोय या गुडूची और अन्य अंश होते हैं।
गोलियाँ 100% प्राकृतिक, लस मुक्त और शाकाहारी हैं। इसलिए, यदि आप मांसाहारी उत्पादों का सेवन करना पसंद नहीं करते हैं, तो भी आप वेल गिलोय टैबलेट पर भरोसा कर सकते हैं।
मोदी केयर वेल गिलोय के फायदे
गिलोय एक प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर, एंटी-टॉक्सिक और एंटी-पायरेटिक है, जो बुखार को ठीक करता है और एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट है। तो कुल मिलाकर गिलोय स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का एकमात्र समाधान है।
1. बुखार को ठीक करता है
आयुर्वेद के अनुसार, बुखार के लिए दो कारक जिम्मेदार होते हैं- विषाक्त पदार्थ और विदेशी कण। गिलोय की गोलियां रोगाणुओं को रोकने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करती हैं, और उनके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करते हैं। यह पुराने, डेंगू और हे फीवर को ठीक करने में सहायक है।
गिलोय या गुडूची (Guduchi) में ऐसे एंटीपायरेटिक गुण होते हैं जो पुराने से पुराने बुखार को भी ठीक कर देती है। इसी वजह से मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसे गंभीर रोगों में होने वाले बुखार से आराम दिलाने के लिए गिलोय (Giloy in hindi) के सेवन की सलाह दी जाती है।
2. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकता है
गिलोय और अश्वगंधा का मिश्रण आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का एक बेहतरीन उपाय है। प्राचीन काल से ही लोग मजबूत रहने के लिए अपने काढ़े में गिलोय और अश्वगंधा के पेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि मोडिकेयर आपके लिए टैबलेट के रूप में मिश्रण लेकर आया है, जिसका उपभोग करना तुलनात्मक रूप से आसान है। भले ही गिलोय की गोलियों का कोरोनावायरस को ठीक करने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन इसका सेवन वास्तव में कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए किया जा सकता है।
3. मधुमेह को नियंत्रित करता है
आयुर्वेद में गिलोय के तनों को मधुनाशिनी या शर्करा का नाश करने वाला कहा गया है। गिलोय की गोलियां आपके शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को नियंत्रित करती हैं और आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करती हैं। यह अल्सर और गुर्दे की अन्य समस्याओं जैसे मधुमेह के कारण होने वाली जटिलताओं को ठीक करने में भी मदद करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, गिलोय हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट का काम करता है और टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में मदद करता है। हाई ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों के लिए गिलोय का जूस बहुत फायदेमंद होता है और बेहतर रिजल्ट देता है।
4. पाचन में सुधार करता है
गिलोय की गोलियां पाचन में मदद करने के लिए विशेष हैं। यह पाचन से संबंधित समस्याओं जैसे दस्त, कोलाइटिस, उल्टी, एसिडिटी, अपच आदि को रोकता है।
अगर आप पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कि कब्ज़, एसिडिटी या अपच से परेशान रहते हैं तो गिलोय आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। गिलोय का काढ़ा, पेट की कई बीमारियों को दूर रखता है। इसलिए कब्ज़ और अपच से छुटकारा पाने के लिए गिलोय का रोजाना सेवन करें।
5. तनाव और चिंता को कम करता है
शुद्ध गिलोय आपके शरीर की कोशिकाओं को ठंडा करने और तनाव और चिंता को रोकने के लिए जाना जाता है। यह स्मृति और संज्ञानात्मक कार्यों को बढ़ाने में भी मदद करता है ।
6. गठिया का इलाज करता है
जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, गिलोय की गोलियों में सूजन-रोधी के साथ-साथ गठिया-रोधी गुण भी होते हैं। यह गठिया और गठिया के दर्द को कम करने में मदद करता है।
7. ब्लड को साफ करने का काम
गिलोय का सबसे पहला काम यह है की ये ब्लड को साफ करने का काम करता है मतलब प्यूरीफाई (Purify). अगर आप रेगुलर गिलोय टैबलेट को ले रहे हो तो ये ब्लड के अंदर के टॉक्सिक चीजों को साफ करते रहता है। और ब्लड से जुड़ी कोई समस्या को होने नही देता।
8. स्वासन नलिका को साफ करने का काम
गिलोय शरीर की स्वासन नलिका को अच्छा रखता है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, या ट्यूबरकुलोसीस हो जिसमे भी रेस्पिरेटरी समस्या हो उसमे ये मदद करता है। इंफ्लेमेशन को रोकता है। लंग्स में जो छोटे छोटे भाग होते है उसमे इंफ्लेमेशन होता है जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। उन छोटे छोटे भाग को क्लियर करता रहता है।
9. शुगर या डायबिटिक की समस्या
जिन लोगों को शुगर या डायबिटिक की समस्या होती है अगर उनको कही चोट लग जाए तो उस चोट को भरने में ज्यादा वक़्त लगता है। वह जख्म जल्दी भर नहीं पाता है। अगर वह व्यक्ति रेगुलर गिलोय का सेवन कर रहा है तो उस जख्म या चोट को भरने में मदद करता है।
10. कफ की समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक
अगर कई दिनों से आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही है तो गिलोय (Giloy in hindi) का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। गिलोय में एंटीएलर्जिक गुण होने के कारण यह खांसी से जल्दी आराम दिलाती है। खांसी दूर करने के लिए गिलोय के काढ़े का सेवन करें।
11. पीलिया जल्दी ठीक होता है
गिलोय के सेवन से पीलिया जल्दी ठीक होता है। इसके अलावा गिलोय के सेवन से पीलिया में होने वाले बुखार और दर्द से भी आराम मिलता है। गिलोय स्वरस (Giloy juice) के अलावा आप पीलिया से निजात पाने के लिए गिलोय सत्व का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
12. खून की कमी दूर करने में सहायक
शरीर में खून की कमी होने से कई तरह के रोग होने लगते हैं जिनमें एनीमिया सबसे प्रमुख है। आमतौर पर महिलायें एनीमिया से ज्यादा पीड़ित रहती हैं। एनीमिया से पीड़ित महिलाओं के लिए गिलोय का रस काफी फायदेमंद है। गिलोय का रस (Giloy juice) का सेवन शरीर में खून की कमी को दूर करती है और इम्युनिटी क्षमता को मजबूत बनाती है
13. गठिया के लिए फायदेमंद
गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण गिलोय (Giloy in hindi) गठिया से आराम दिलाने में कारगर होती है। खासतौर पर जो लोग जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं उनके लिए गिलोय का सेवन करना काफी फायदेमंद रहता है।
14. अस्थमा के लिए फायदेमंद
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण यह सांसो से संबंधित रोगों से आराम दिलाने में प्रभावशाली है। गिलोय या गुडूची (Guduchi) कफ को नियंत्रित करती है साथ ही साथ इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाती है जिससे अस्थमा और खांसी जैसे रोगों से बचाव होता है और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
15. लीवर के लिए फायदेमंद
अधिक शराब का सेवन लीवर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में गुडूची सत्व या गिलोय सत्व का सेवन लीवर के लिए टॉनिक की तरह काम करती है। यह खून को साफ़ करती है और एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम का स्तर बढ़ाती है। इस तरह यह लीवर के कार्यभार को कम करती है और लीवर को स्वस्थ रखती है। गिलोय के नियमित सेवन से लीवर संबंधी गंभीर रोगों से बचाव होता है।
16. बवासीर की दवा है गिलोय
बवासीर या पाइल्स बेहद दर्दनाक होते हैं और इनसे जितनी जल्दी छुटकारा मिले, उतना ही बेहतर है। गिलोय के इस्तेमाल से बनने वाली दवाएं हर प्रकार के बवासीर को ठीक कर सकती हैं। ध्यान सिर्फ इस बात का रखना है कि निर्देशों और परहेज का विशेष ध्यान दिया जाए।
इसके साथ साथ इसके कई और फायदे है जैसे:-
- बाल झड़ना बंद हो जाएगा। बाल झड़ेंगे नहीं, टूटेंगे नहीं और बाल पतले नहीं होंगे।
- किसी किसी को आँख में पानी आना और खुजलाते रहना यह समस्या रहती है। तो यह उसको भी ठीक होने में मदद करता है।
- जीन लोगों को डेंगू होता है तब ब्लड के प्लेटलेट्स कम हो जाते है। कभी कभी किसीके प्लेटलेट्स जल्दी बढ़ नही पाते। अगर इसको डेंगू पेशेंट को दूसरे औषधि के साथ दिया जाए तो भी ये मदद कर सकता है।
- यह एक अच्छी आयुर्वेदिक वस्तु है जो शरीर के स्वास्थ के लिए अच्छी है।
- कभी कभी बुखार आ जाता है तब गिलोय टैबलेट्स को दूसरे औषधि के साथ लेने से अच्छी मदद होगी। इस टैबलेट को रोजाना दो वक्त लेना होता है।
- किसी किसी को लीवर की समस्या, क्लोरेस्ट्रॉल, शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी लाइफस्टाइल डिसऑर्डर समस्या है उनके लिए यह मोदी केयर की गिलोय टैबलेट्स अच्छे से मदद करता है।
- हार्ट मसल(Muscles) को यह अच्छे से तंदुरुस्त रखता है। इस Modicare Giloy Tablets मे दीपन पाचन मिला हुआ है। जिसकी वजह से पाचन क्रिया मजबूत होती है। यह दीपन पाचन एक आयुर्वेदिक नाम है जो कई सालो से आयुर्वेदिक औषधि में मिलाई जाती है।
- किसी किसी का डाइजेशन पैटर्न बेहद ज्यादा होता है तो किसी का कम। इसको बैलेंस रखने के लिए गिलोय टैबलेट्स अच्छे से मदद करता है।
प्राकृतिक आवास और संरचना
गिलोय, बेल के रूप में देश के लगभग हर कोने में पाई जाती है। खेतों की मेंड़, घने जंगल, घर के बगीचे, मैदानों में लगे पेड़ों के सहारे कहीं भी गिलोय की बेल प्राकृतिक रूप से अपना घर बना लेती है। इसके पत्ते देखने में पान की तरह और हरे रंग के होते हैं। समय होने पर इसमें गुच्छे में छोटे लाल बेर से कुछ छोटे फल भी लगते हैं।
वैज्ञानिकों ने गिलोय के पौधे में से विभिन्न प्रकार के तत्वों को प्राप्त किया है। गिलोय में बरबेरिम, ग्लुकोसाइड गिलाइन आदि रासायनिक तत्व पाए जाते हैं। इसके काण्ड से एक स्टार्च (गुडूची सत्व) निकलता है, जो त्रिदोषशामक है।
स्वास्थ्य लाभ
गिलोय के 10 इंच का टुकड़ा और तुलसी के 8-10 पत्ते लेकर पेस्ट बना लें। उसको पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। इसको दिन में 2 बार लेने से बुखार उतरता है। बच्चों और बड़ों, दोनों में दृष्टि कमजोर हो जाना सामान्य दोष है। 10 मिली गिलोय का रस, शहद या मिश्री के साथ सेवन करने पर दृष्टि लाभ निश्चित है।
रक्त विकार के कारण पैदा होने वाले रोगों जैसे खाज, खुजली, वातरक्त आदि में शुद्ध गुगुल के साथ लेने से लाभ होता है। इससे अमृतादि गुग्गलू बनाया जाता है। गिलोय का काढ़ा मूत्र विकरों में भी लाभदायक है। गिलोय के काढ़े में अरंडी का तेल मिलाकर सेवन करने से जटिल संधिवात रोग भी दूर होता है। गिलोय के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं।
विशेषज्ञों ने पाया कि गिलोय में रोग प्रतिरोधक प्रणाली के आलावा कई तरह के बेहतर गुण हैं। इसके एंटी-स्ट्रेस और टॉनिक गुणों को भी क्लीनिकली प्रमाणित किया जा चुका है। बच्चों में इसके बहुत अच्छे नतीजे प्राप्त हुए, कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि गिलोय या अमृता पर यथा नाम, तथा गुण सही बैठता है।
इसको लगातार ३ महीने तक रोजाना इस्तेमाल करिएगा और आपको इसका जरूर लाभ मिलेगा।
खैर गिलोय की खुराक
वैसे गिलोय टैबलेट में बच्चों और बड़ों के लिए अलग-अलग निर्देश होते हैं। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए, खुराक आधा टैबलेट दिन में दो बार है, और वयस्कों के लिए यह दिन में दो बार एक टैबलेट है। यदि आप इसे शिशुओं को खिलाना चाहते हैं, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
आप इसे या तो गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं या इसे गर्म दूध और शहद के साथ मिला सकते हैं। हालाँकि, इसे अपने भोजन के 30 मिनट पहले या भोजन के 1-2 घंटे बाद लेना सुनिश्चित करें।
कोई भी टैबलेट लेने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। भले ही हम खुराक के निर्देश दे रहे हों, डॉक्टर की सलाह के बाद ही सेवन करें।
इस गिलोय टैबलेट्स को कब और कितने लेना चाहिए। इसको आप सुबह खाना खाने के बाद या सुबह के नाश्ते के बाद खा सकते है। और रात के खाने के बाद ले सकते है।
इस टैबलेट्स को दिन में दो बार लेना होता है। गिलोय के साथ अगर आप हनी या मधु लेते हो तो यह और ज्यादा शक्तिशाली बनाता है और शरीर को स्वस्थ रखता है।
अगर आप कोई भी आयुर्वेदिक टैबलेट्स नही ले रहे तो इस एक टैबलेट्स को तो भी जरूर ले।
गिलोय का सेवन किस – किस तरह किया जा सकता है
दूध और अदरक के साथ
गिलोय को दूध में उबालकर पीने से जोड़ों का दर्द कम होता है। इसके अलावा अदरक के साथ गिलोय का सेवन करने से रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। गिलोय के रस में हड्डी मजबूत करने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की भरमार होती है।
गिलोय के तने को चबाएं
गिलोय के तने को चबाना भी इसका सेवन करने का एक बेहतर तरीका है। यह तरीका अस्थमा के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से इस बीमारी से पीड़ित लोगों में अस्थमा के लक्षण दूर होते हैं। इसके अलावा यह खांसी, गले में खराश और टॉन्सिलिटिस की परेशानी में भी आराम दिलाता है।
गिलोय जूस
गिलोय के तने को एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक पानी जलकर आधा न हो जाए। इसके बाद पानी को छान लें और नियमित इसका सेवन करें। यह रक्त को शुद्ध करता है, विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकालता है और बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है।
गिलोय शॉट पिएं
गिलोय के शॉट को आंवला, अदरक और काले नमक में मिलाकर पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है। सभी सामग्री को अच्छी तरह ब्लेंड कर लें और पानी में मिलाकर सेवन करें।
आंखों पर लगाएं
गिलोय का एक्सट्रेक्ट आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। गिलोय के पाउडर को पानी में उबालकर ठंडा करें। इसे कॉटन पैड से आंख की पलकों पर लगाएं। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है।
गिलोय के सेवन में कुछ सावधानियां
आइये जानते हैं कि किन परिस्थितयों में गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
1- लो ब्लड प्रेशर (Low Blood pressure) :
जो लोग पहले से ही निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के मरीज हैं उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि गिलोय भी ब्लड प्रेशर को कम करती है। इससे मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है। इसी तरह किसी सर्जरी से पहले भी गिलोय (Giloy in hindi) का सेवन किसी भी रुप में नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम करती है जिससे सर्जरी के दौरान मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
2- गर्भावस्था (Pregnancy) :
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से परहेज करने की सलाह दी जाती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान गिलोय के नुकसान के प्रमाण मौजूद नहीं है फिर भी बिना डॉक्टर की सलाह लिए गर्भावस्था में गिलोय का सेवन ना करें।
अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको डॉक्टर की परामर्श के बाद ही इसे लेना चाहिए.
खैर गिलोय अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- क्या मैं रोज गिलोय की गोलियां ले सकता हूं?
जी हां, गिलोय की गोलियां रोज ली जा सकती हैं। हालांकि, जैसा कि डॉक्टर बताते हैं, अच्छे परिणाम के लिए लोग औसतन दिन में दो गोलियां लेते हैं। वास्तव में, गिलोय के तने को इसके औषधीय उपयोग के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा अनुमोदित किया गया है। - क्या गिलोय की गोलियां सुरक्षित हैं?
यदि नुस्खे के अनुसार सेवन किया जाए तो गिलोय की गोलियां सुरक्षित हैं। लेकिन अगर आप खुद को गोलियों से अधिक मात्रा में लेते हैं, तो आपको जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, यदि आपको ल्यूपस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटो-इम्यून रोगों का निदान किया गया है, तो गिलोय की गोलियों का सेवन न करें। - क्या गिलोय के दुष्प्रभाव हैं?
ऐसे में गिलोय का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। लेकिन यह कुछ मामलों में कब्ज और निम्न रक्त शर्करा के स्तर का कारण बन सकता है। डॉक्टर भी गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय की गोलियां लेने से मना करते हैं।
निष्कर्ष
गिलोय मानव में अपनी परम प्रतिरक्षा-बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसकी उचित खुराक और नियमित सेवन आपको पुराने बुखार और कोरोनावायरस जैसी घातक बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करेगा।
इसकी उचित कीमत और उपयोग में आसानी ने गिलोय टैबलेट को भारत के सबसे अधिक बिकने वाले गिलोय टैबलेट ब्रांडों में से एक बना दिया है। तो, अब जब आप इसके लाभ और उपयोग के बारे में जान गए हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि जब आपको इम्युनिटी बूस्टर की आवश्यकता हो तो क्या खरीदना चाहिए!