Modicare Vitamin D
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, कि विटामिन डी की कमी दुनिया भर में पोषण संबंधी कमियों में से एक है।
Modicare Vitamin D के बारे में जानेगें व इसे पर्याप्त मात्रा में लेना क्यों महत्वपूर्ण है।
Vitamin D – महत्वपूर्ण तथ्य
विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है क्योंकि जब हमारी त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आती है तब शरीर इसे कोलेस्ट्रॉल से बनाता है।
यह Fat में घुलनशील विटामिन है, जो आपके शरीर को कैल्शियम और
फास्फोरस को अवशोषित (absorb) करने में मदद करता है।
हड्डियों को मजबूत बनाने और बनाए रखने के लिए विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस की सही मात्रा होना जरूरी है।
इसका का उपयोग हड्डियों के विकारों (जैसे रिकेट्स) के इलाज और रोकथाम के लिए किया जाता है।
यह विटामिन शरीर द्वारा तब बनता है जब हम सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आते हैं।
सनस्क्रीन का अधिक इस्तेमाल , सुरक्षात्मक कपड़े, सूर्य की रोशनी में न बैठना, त्वचा का रंग गहरा होना आदि की वजह से धूप से पर्याप्त विटामिन डी नहीं प्राप्त होत हैं।
कैल्शियम के साथ विटामिन डी का उपयोग ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज या रोकथाम के लिए किया जाता है।
इसका उपयोग गुर्दे की बीमारी में कैल्शियम के स्तर को सामान्य रखने और हड्डियों के सामान्य विकास के लिए किया जा सकता है।
Vitamin D एक आवश्यक विटामिन है जो शरीर में कैल्शियम और
फास्फोरस को नियंत्रित करने में मदद करता है।
यह हड्डियों की बनावट को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस के विभिन्न रूप हैं, जिनमें एर्गोकैल्सीफेरोल (विटामिन डी 2) और कोलेकैल्सीफेरोल (विटामिन डी 3) शामिल हैं।
विटामिन डी मछली, अंडे और फोर्टिफाइड दूध आदि में भी पाया जाता है।
यह सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर त्वचा में भी बनता है। सूरज की रोशनी की अवधि के दौरान, विटामिन डी वसा में जमा हो जाता है।
Vitamin D की कमी के इलाज और रोकथाम के लिए आमतौर पर
विटामिन डी suppliments का उपयोग किया जाता है। जिन लोगों को पर्याप्त धूप नहीं मिलती है उन लोगों में इसकी कमी का खतरा होता है।
लोग कमजोर हड्डियों, हृदय रोग, अस्थमा, हे फीवर और कई अन्य स्थितियों के लिए भी विटामिन डी का उपयोग करते हैं
Vitamin D की कमी के लक्षण
विटामिन डी की कमी को नोटिस करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसके लक्षण कई महीनों या वर्षों तक पता नहीं चलते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, यह जानना आवश्यक है कि हमें किन लक्षणों पर ध्यान देना है। इसकी कमी के लक्षणों में से कुछ इस प्रकार हैं –
बार-बार बीमारी या संक्रमण (infections) होना।
थकान कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से एक विटामिन डी की कमी हो सकती है।
हड्डियों और पीठ के निचले हिस्से में दर्द का कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है।
डिप्रेशन की समस्या का एक कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है।
विटामिन डी का स्तर बहुत कम होने से घाव धीरे – धीरे भरते हैं।
हड्डियों को नुकसान
बाल झड़ना
मांसपेशियों में दर्द
भार (weight) बढ़ना
विटामिन D की कमी से anxiety की समस्या हो सकती है।
उचित मात्रा में लेने पर विटामिन डी सुरक्षित होता है। अधिकांश लोगों को विटामिन डी के दुष्प्रभाव का अनुभव नहीं होता है, जब तक कि यह बहुत अधिक मात्रा में नहीं लिया जाता है। बहुत अधिक विटामिन डी लेने के कुछ दुष्प्रभावों में कमजोरी, शुष्क मुँह, उल्टी आदि शामिल हैं।
विटामिन डी 3 के बहुत से फायदे है। चलिए आगे विस्तार से बताते हैं।
इम्युनिटी को बढ़ाने में – विटामिन डी 3 इम्युनिटी बढ़ाने में फायदेमंद होता है। विटामिन डी शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और प्रतिशा प्रणाली को मजबूत करता है। विटामिन डी 3 इम्युनिटी के कार्य में सुधार करता है और संक्रमण से बचाव करने में मदद करता है। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन में विटामिन डी 3 शामिल करना चाहिए।
ब्लड शुगर को कम करने में – कुछ शोध के अनुसार विटामिन डी शरीर में इंसुलिन के स्तर को सामान्य से अधिक करता है। इस कारण डायबिटीज होने का जोखिम बना रहता है। विटामिन डी इंसुलिन को कम कर डायबिटीज से बचाव करने में मदद करता है। हालांकि इसपर और शोध चल रहे है। चिकिस्तक के अनुसार विटामिन डी 3 डायबिटीज टाइप 2 से बचाव करने में सहायक होता है।
कैंसर से बचाव करने में –
कैंसर एक तरह की घातक बीमारी है जिसका शुरुवाती संकेत नजर आने पर उपचार की आवश्कयता होती है। विटामिन डी 3 में एंटी कैंसर के गुण है जो ट्यूमर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। कुछ शोध के अनुसार विटामिन डी 3 कैंसर की क्रिया को धीमा करते है और कैंसर से बचाव करते है। यदि कैंसर अत्यधिक गंभीर है तो चिकिस्तक से निदान व उपचार करवाना उचित है।
ह्रदय के लिए फायदेमंद – हृदय रोग से बचाव करने में विटामिन डी 3 उपयोगी होता है। कुछ अध्ययन के अनुसार विटामिन डी 3 हृदय रोग का जोखिम कम करता है। शरीर में विटामिन डी 3 की कमी होने से हृदय रोग का खतरा बना रहता है। हालांकि विटामिन डी युक्त सप्लीमेंट लेना आवश्यक नहीं होता है बल्कि आहार में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ को शामिल करना सही होता है। सही मात्रा में विटामिन डी लेने से शरीर स्वस्थ बना रहता है।
मूड को बदलाव करने में – विटामिन डी 3 मूड को बदलने में फायदेमंद होता है। कुछ शोध के अनुसार विटामिन डी 3 अवसाद व तनाव को कम कर मूड को अच्छा करता है। मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत बनाने में विटामिन डी 3 कारगर साबित होता है।
डोज़
1 सॉफ़्टजेल प्रतिदिन या डॉक्टर के निर्देशानुसार।
जैसा कि हमने जाना कि विटामिन डी के कई लाभ हैं : यह कुछ बीमारियों के रिस्क को कम कर सकता है, मूड को बेहतर बनाने और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है और वजन को मैनेज करने में मदद कर सकता है।
विटामिन डी की कमी बहुत आम है, लेकिन इसके लक्षण अक्सर जानना मुश्किल हो सकता है।यदि आपको लगता है कि आपमें कोई कमी हो सकती है, तो डॉक्टर से रक्त परीक्षण के बारे में बात करें ।
विटामिन डी की कमी का आमतौर पर supplement के साथ इलाज किया जाता है, लेकिन सही खुराक लेने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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विटामिन डी 3 के फायदे-
विटामिन डी 3 आपके शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। इसके फायदों को निम्नतः विस्तार से बताया जा रहा है।
आपके मूड को अच्छा रखने में सहायक होता है
शरीर में विटामिन डी 3 की कमी का सीधा प्रभाव आपके मूड पर पड़ता है। विटामिन डी 3 शरीर के न्यूरोट्रांसमीटर के लिए आवश्यक होता है, जो आपके शरीर में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं से आपके मूड को नियंत्रित करने में मदद करता है।
हृदय रोगों से बचाव करता है –
रिसर्च से इस बात का पता चला है कि विटामिन डी 3 रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और आपके हृदय को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में सहायक होता है। शरीर के सभी कार्य आपस में जुड़े होते हैं, इसीलिए जब किसी एक कार्य पर बात होती है तो वह स्वतः ही अन्य शारीरिक कार्यों में भी सहायक साबित होती है।
हड्डियों को मजबूत बनता है –
विटामिन डी 3 कैल्शियम और फॉस्फोरस को नियंत्रित करता है, इससे आपकी हड्डियां मजबूत और स्वस्थ बनती हैं। विटामिन डी 3 हड्डियों के बनने और बढ़ने में भी अहम भूमिका निभाता है, जबकी इसकी कमी से आपको हड्डियों के टूटने और ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
कैंसर से बचाव करता है –
कुछ रिसर्च से पता चला है कि विटामिन डी 3 मुख्य रूप से कोलन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से बचाव करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन डी 3 कोशिकाओं के बनने को नियंत्रित करता है और कैंसर के ऊतकों में नई रक्त वाहिकाओं को बनने से रोकता है। वैज्ञानिकों के द्वारा इस संबंध को समझने के लिए अभी और रिसर्च की जा रही है।
आपकी याददाश्त के लिए आवश्यक होता है –
विटामिन डी 3 आपके मस्तिष्क कार्यों के लिए आवश्यक होता है। अगर आप निश्चित मात्रा में विटामिन डी 3 नहीं लेते हैं, तो इससे आपको डिमेंशिया (मनोभ्रंश) की समस्या हो सकती है। एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी की कमी से लोगों में संज्ञानात्मक हानि (Cognitive impairment: कमजोर याददाश्त) होने की संभावनाएं चार गुना अधिक होती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है –
विटामिन डी 3 शरीर में होने वाली क्षति (नुकसान) को ठीक करने का काम करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने वाली कोशिकाओं को विटामिन डी 3 की आवश्यकता होती है, जिससे वह बीमारी को जन्म देने वाले वायरस और रोगाणुओं से लड़ सकें। विटामिन डी 3 की कमी होने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और आप संक्रमण से नहीं लड़ पाते हैं। इसकी वजह से आप जल्द बीमार होने लगते हैं।
ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाने में सहायक होता है –
विटामिन डी 3 ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाली प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है।
पेट की बीमारियों को कम करता है –
विटामिन डी 3 आंतों में होने वाली सूजन को कम करने में भी सहायक होता है। यही कारण है कि इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease: पाचन तंत्र में दीर्घकालिक सूजन) जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) में विटामिन डी 3 का स्तर कम हो जाता है। विटामिन डी 3 का स्तर कम होने से पाचन तंत्र में सूजन होने की संभावनाएं बढ़ जाती है और इसकी वजह से आपके शरीर में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से संबंधित लक्षण शुरू हो सकते हैं।
ध्यान दीजिए अगर नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी 3 लक्षण आपके शरीर में दिखते हैं। और आप नियमित रूप से सुबह और शाम धूप में नहीं रहते हैं। तो निश्चित ही भारत की 80% आबादी की तरह आप में भी विटामिन डी की कमी है।
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1.हर वक्त #थकान महसूस होना
अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इसका सबसे बड़ा लक्षण आपका हर वक्त थका हुआ महसूस करना है. अगर आप अच्छा भोजन करते हैं और रात भर पूरी नींद लेते हैं इसके बाद भी अगर आपको नींद आती रहती है तो यह विटामिन डी की कमी का एक लक्षण हो सकता है।
- #हड्डियों में #दर्द विशेषकर #कमर में #दर्द बना रहना
शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने का काम दरअसल विटामिन डी करता है. ऐसे में अगर आप भरपूर दूध (3 Glass) पीते हैं और कैल्शियम से भरपूर भोजन करते हैं इसके बाद भी शरीर में दर्द की शिकायत रहती हो तो इसकी वजह विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल आपके शरीर में कैल्शियम तो जा रहा है लेकिन विटामिन डी की कमी होने की वजह से बॉडी इसको अपने भीतर सोख नहीं पाता.
3.#चोट का जल्दी ठीक नहीं होना
अगर आपका चोट बहुत दिनों तक ठीक नहीं होता तो इसकी वजह भी विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल विटामिन डी इंफेक्शन से लड़ने और शरीर में सूजन आदि को ठीक करने में मदद करता है. ऐसे में जब विटामिन डी की कमी हो जाती है तो किसी भी चोट को ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है.
4.हर वक्त #डिप्रेशन और #एंग्जाइटी महसूस होना
अगर आप हर वक्त डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसा महसूस करते हैं और हमेशा आपका मूड खराब रहता है तो यह भी विटामिन डी की कमी का एक लक्षण है.
- #Hairfall & #Ruffhair बालों का झड़ना एवं बालों का रुखा होना
आम तौर पर हम बालों के झड़ने की वजह शैंपू, कंडीशनर या खान पान को बताते हैं लेकिन आपको जानकारी दें कि अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है तो आपके बाल तेजी से झड़ सकते हैं. ऐसे में धूप में जाना आपके बालों के लिए भी बहुत जरूरी है।
6.#Abdominal_Obesity
अगर आपका वजन सिर्फ और सिर्फ आपके पेट के चारों ओर है तो यह लक्षण भी विटामिन डी की कमी का है।
7.#weak_Immune_system
अगर मौसम बदलते ही या फिर साल में तीन से चार बार आपको सर्दी जुकाम बुखार होता रहता है तो इसका मतलब आप का इम्यून सिस्टम कमजोर है आपकी रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर है और इसका एक मुख्य कारण आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकता है।
क्या है इलाज
आप अपने भोजन में उन चीजों को शामिल करें जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन डी हो जैसे फैटी फिश और डेयरी प्रोडक्ट्स आदि. विटामिन डी सेप्लीमेंट का प्रयोग करें. इसके अलावा जहां तक हो सके सन लाइट में रहें और घर में धूप को आने से रोकें नहीं. यह धूप आपको कई तरह की बीमारियों से बचाएगी.